legend Sharmila Tagore kashmir ki kali
लेजेंड्स शर्मीला टैगोर
बर्फ में लिपटी हुई और ओस से धुलि हुई
... कभी तेज़ धूप में पिघली पिघली सी .... किसी कोने में बारिश सी बरसती हुई ...और
पत्तियों पर ढुलकती बूंदों सी ..... कभी रेत सी बिखरी तिश्ना सी ... कभी ज़र्द ज़र्द
कभी सुरमई और स्याह सी भी......आह ज़िन्दगी.... वाह ज़िन्दगी ... वेसे ज़िन्दगी की ही
तरह फ़िल्में भी इतने सारे रंगों को लिए होती हैं के फैसला मुश्किल हो जाता है के
कब कौनसा रंग ज़यादा अच्छा लगा है .. वेसे मुझे तो कश्मीरी रंग ज्यादा पसंद है बर्फ
बर्फ सा ठंडा ठंडा और हाँ उसमे अगर थोडा सा बंगाली सफ़ेद रोशोगुल्ला .. हहह हाँ सच्ची
मुझे तो आज ये ही अच्छा लग रहा है .. अरे जब पूरी बात बताऊंगी तो आपको भी ये बेहद
पसंद आएगा .... स्वागत खुशामदीद वेलकम जेबा ले कर आ गयी है आपके लिए लेजेंड्स... और आज का ये सफ़र आपको
ज़रूर याद रहेगा ..... क्यूँ यहाँ कश्मीर की कलि कभी पुष्पा बनकर आंसू बहाएगी तो
कभी आराधना चुपके चुपके अमर प्रेम की बयार में बह जायेगी कभी मौसम की तलाश में अनुपमा वक़्त से कहेंगी ये रात फिर ना आयेगी .. और फिर हर दास्तान दूरियां बन जायेगी
...... वाह जी कितने सारे हिंट्स दे दिए
मेने तो ... और आपकी भी दाद देनी पड़ेगी के आप पहली ही फिल्म के नाम से पहचान गए
.... के आज हम हिंदी सिनेमा की बेहद खूबसूरत चार्मिंग और एवर ग्रीन एक्ट्रेस
शर्मीला टैगोर की बात करने वाले हैं तो बस
हो जाइए तैयार शर्मीला नामा के लिए ......
दिल थाम
कर बेठिये आज हम बात कर रहे हैं कश्मीर की कलि की ... जी हाँ वही कश्मीर की कली
जिन्हें देख कर सावन की घटा छाई .. जिसे देख के दिल झुमा .. ली प्यार ने अंगडाई
...दीवाना हुआ बादल.. जी हाँ बिलकुल वही .... मासूम सा चेहरा और आँखों में मस्ती
हंसी तो कातिलाना और आवाज़ जेसे घुंघरू से बजते हों ... ये शोख अदाकारा शर्मीला
टेगौर चलिए आज इन्ही की ज़िन्दगी के कुछ जाने अनजाने पलों को साथ मिल कर टटोलते हैं
..... 8दिसम्बर १९४४ को हैदराबाद में एक
पढ़ी लिखी और मशहूर फेमिली में पैदा हुई ..... गिरीन्द्रनाथ टेगौर जो ब्रिटिश
इंडिया कंपनी में जनरल मेनेजर थे.. ये बंगाली थे और इनके पिता यानि शर्मीला के
दादाजी एक महान पेंटर थे ... जबकि शर्मीला की माताजी असामी फेमिली से थी ......तीन
बहेनो में शर्मीला बड़ी बेहन थीं और इन्हें प्यार से रिंकू बुलाया जाता था....शर्मीला
अपने घर से पढ़ाई की वजह से अक्सर दूर ही रहीं और इनका शुरूआती वक़्त गुज़रा कोलकाता
में शर्मीला शुरू से ही स्मार्ट और शार्प थीं पढने में अछि थी और आर्ट से जुडी हुई
थीं ... अच्छा अभी स्कूल में ही थीं के एक बड़ा मजेदार वाक्य हुआ ... हुआ यूँ की सत्यजीत रे अपनी बंगाली फिल्म आपोर संसार के लिए
एक छोटी सी लड़की की तलाश में थे जो के १२ से १३ साल की हो और जिसे वो छोटी दुल्हन
के रूप में पेश कर सकें .....और उन्होंने कोलकाता की गलियों में अपनी हिरोइन तलाश
करनी शुरू की और वो लगभग एक एक कर उन घरों
में जाते जहाँ जहाँ लड़कियां होतीं .... और ऐसे ही एक रोज़ उन्होंने दरवाज़ा खटखटाया
.. और एक मासूम सी लड़की ने गेट खोला.......
सत्यजीत उसे देखते ही बोले अब तलाश पूरी
हुई ... उन्होंने शर्मीला के पिता जी से बात की......क्यूँ की बंगाली फिल्म्स
बनाने की वजाह से सत्यजीत हर जगह मशहूर थे तो शर्मीला के पिताजी भी मान गए......और
इस तरह शर्मीला ने पहली बार केमेरा फेस किया ...... तो क्या हुआ केसे उन्होंने
दिया अपना पहला शॉट और क्या मिला रिएक्शन
बताऊंगी जेबा के साथ आप पढ़ते रहे हैं लेजेंड्स
अरे ये छोटी सी दुल्हन कौन है देखो तो .. ओह्ह माँ ये तो बोहोत सुन्दर है ,,,,
कितनी प्यारी है ये ... अरे ये तो रिंकू है .. हाँ रिंकू यानि शर्मीला टैगोर ...
अरे आपने देखि नहीं आपुर संसार उसी का तो सीन है ये...हाँ तो शर्मीला जो इस वक़्त
ज़रा घबराई हुई थीं और उन्हें लगा था के वो केमेरा केसे फेस करेंगी अपनी स्क्रीनिंग
पर पहुंची उन्हें ड्रेसअप किया गया और फिर कहा के आप दरवाज़े के उस पार हो जेसे ही
एक्शन कहें बहार आना .....अन्दर ही अन्दर नर्वस ..... एक्शन कहते ही दरवाज़ा खुला
तेज़ लाइट और फिर एक क़दम आगे ज़रा सो राईट देखो हम इधर बस परफेक्ट और कट .....ये था
और शर्मीला की जान में जान आई .. कहती हैं के इतना होना था और मुझे लगा जाने कितना
बड़ा काम हुआ में खुश भी थी और हैरान भी ... लेकिन पहली बार केमेरा फेस करने में
बड़ा मज़ा आया ......और ऐसे शुरू हुई बंगाली बाला की फ़िल्मी करिअर की गाड़ी .. लेकिन
उस ज़माने में रिंकू को इस फिल्म की वजाह से एक मुश्किल झेलनी पड़ी ..... हुआ यूँ की
फिल्म में काम हुआ वहां तो खूब तारीफ हुई और यहाँ उन्हें स्कूल से ये कह कर निकाल
दिया की फिल्म्स में काम करने वाली लड़की इस स्कूल में नहीं पढ़ सकती माहोल खराब
होता है.....बताइए ये भी कोई इन्साफ है .... अब बेचारी रिंकू क्या कर सकती थी
स्कूल छोड़ कर घर आ गयी ..... अभी उम्र थी १३ साल
और लम्बा सफ़र बाक़ी था ......
ये चाँद सा रोशन चेहरा जुल्फों का रंग
सुनेहरा ये झील सी नीली आँखें कोई राज़ है
इनमे गहरा .... हाँ राज़ तो गहरा सा है जिसे अभी कोई पहचान नहीं रहा था लेकिन शक्ति
सामंत पहचान गए थे .... शक्ति जी के और शर्मीला के घरेलु ताल्लुकात थे उनकी माता
पिता के शक्ति जी करीबी थे .. और अपोर संसार में शर्मीला की एक झलक ने उनके भी
सोचने पर मजबूर कर दिया डायरेक्टर शक्ति
दा रिंकू के घर पोहोंचे और अपनी एक फिल्म
में as aलीड रोल ऑफर दिया जानते हैं कौनसी थी ये फिल्म जी वही खूबसूरत फिल्म जिसने
कश्मीर की वादियों, झीलों ,बर्फीले पहाड़ों , देवदार के बड़े बड़े दरख्तों , बागो ,नर्म रास्तों और वहां के पूरे हुस्न को
इस खूबी से दिखाया के कश्मीर के लिए लोगों के दिल में एक उमंग़ पैदा कर दी और लोग
इस फिल्म के ज़रिये ही वहां घूम आये ... जी हाँ ये थी १९६४ में आई फिल्म कश्मीर की कलि ... जिसमे शर्मीला के साथ थे
स्टार शम्मी कपूर .. शम्मी जी एक स्थापित कलाकार थे और अपनी एक्टिंग और लुक्स के
साथ जाने जाते थे उनके साथ अपने आप को
साबित करना ज़रा मुश्किल काम था लेकिन शर्मीला के शरबती चेहरे ने ये काम भी कर दिया
... और फिल्म हित हो गयी ... शर्मीला की एक्टिंग को भी लोगों ने खूब सराहा ...
अच्छा इस वक़्त तक शर्मीला मुंबई आ गयी थीं .. और होटल में रहती थीं अकेले .... अब
मुंबई में अकेले रहना भी मुश्किल था ... लेकिन ये अभी काम में थीं और इन्हें मालूम
ही नहीं हुआ के कोई आ रहा है चोरी करने ... हाँ चोरी करने ..... जेबा के साथ इस राज़ से उठेगा पर्दा
एक छक्का , दूसरा छक्का और ये तीसरा छक्का ......लो जी जीत गयी टीम इंडिया वाह
भाई क्या खेला है मज़ा आ गया ... अरे कहाँ जा रहे हैं ...ये कोई मैच नहीं है
लेजेंड्स ही है आप कहाँ जा रहे हैं ....... में यूँ एक दम से चोकों छक्कों की बात
क्यूँ करने लगी ये तो आप ने पुछा ही नहीं .. इसके पीछे भी एक कहानी है बलके एक राज़
है .... हुआ यूँ की शर्मीला जी अपने एक दोस्त के यहाँ गेट टुगेदर में शामिल हुई
वहां उनकी मुलाक़ात एक नवाब से हुई नवाब पटौदी जो इस वक़्त क्रिकेट के स्टार खिलाड़ी
थे .. डेशिंग हेंडसम और इस खुश मिज़ाज इंसान से पहली दफा में ही शर्मीला इम्प्रेस
हो गयीं .... और नवाब भी दिल की रियासत हार बेठे ये थे टाइगर ... दोनों की मुलाकातों का सिलसिला बढ़ रहा था... और
नवाब मंसूर अली खान पटौदी क्लीन बोल्ड ...... अरे हाँ एक बड़ा मजेदार किस्सा सुनाता
हूँ ..... मोहब्बत में एक दुसरे को गिफ्ट देते हैं ये तो आपको भी मालूम होगा न ...
आपने भी कभी ना कभी किसी ना किसी को गिफ्ट ज़रूर दिया होगा ... गर्मियों के रोज़ थे
नवाब साहब ने शर्मीला जी के लिए एक गिफ्ट भेज दिया जिसे देख वो बस मुस्कुरायीं ...
सोचिये क्या होगा गिफ्ट ... अरे भाई बड़ा सा अमीरों का गिफ्ट था उस वक़्त हर
कोई ले भी नही सकता था वो ... हाँ सच्ची
.... नहीं पहचान पाए चलिए में ही बताती हूँ ... नवाब पटौदी ने गिफ्ट किया एक बड़ा
सा फ्रिज ... .. लेकिन इस से भी शादी तक की बात नहीं बनी ... अच्छा घर वाले भी इस
शादी के पक्ष में कम ही थे .. क्यूँ की शर्मीला अभी फिल्म्स में सक्रीय थीं और
अकेली रह कर सारा काम देख रही थीं .... ऐसे में शादी भी एक बड़ा फेसला था ....
दोनों ने ४ साल तक साथ साथ वक़्त गुज़ारा और
जहाँ जहाँ शर्मीला की शूटिंग होती देश में
या विदेश में टाइगर वहां पहुँच जाते .. नवाब
को शर्मीला भी टाइगर ही कहती थीं ..... अपने एक इन्टरव्यू में बताती हैं के
एक बार की बात है मैं और टाइगर पैरिस में एक
रेस्टोरेंट में डिनर के लिए गए थे. उस समय वहां पर बहुत तेज बारिश हो रह थी इसलिए होटल वापिस
जाने के लिए हमने पहले ही एक टैक्सी बुलवा ली. जैसे ही हमारी
टैक्सी आई कि शम्मी कपूर उसमें बैठकर वहां से चले गए.इस बात पर
मुझे बहुत गुस्सा आया मुझे गुस्से में देख टाइगर तुरंत पास रखे
गुलाब के गुलदस्ते को लेकर अपने घुटने पर प्रपोज करने की स्टाइल में नीचे बैठ गए. जिसके बाद
मेरा गुस्सा हंसी में बदल गया. इतने लोगों के
सामने मेरे लिए ऐसी चीज सिर्फ टाईगर ही कर सकते थे. अरे अभी तो शादी होनी बाक़ी है ...
ये शादी चलने वाली नहीं है ... अरे
देख लेना इतनी जल्दी टूट जाएगी .... और तो और शर्मीला और नवाब की तो बनेगी भी नहीं
.... लेकिन शर्मीला ने सबको खामोश कर दिया
और 41 साल की बेहद दिलचस्प और रंगीन शादीशुदा ज़िन्दगी दोनों ने मिल कर भरपूर जी
..... वाह ये हुई बात ... जेसा की मेने
बताया की टाइगर ने शर्मीला को प्रपोज़ किया और दोनों ने शादी का इरादा कर लिया शर्मीला ने इस्लाम कुबूल किया और अब वो बेगम
आयशा सुल्ताना के नाम से नवाब मंसूर अली खान पटौदी के निकाह में आयीं ये बड़ी शानदार शादी थी जिसकी धूम खूब रही ....
इनके तीन बच्चे है सैफ अली खान , सोहा अली खान जो की हिंदी सिनेमा के जाने पहचाने
नाम हैं ... और तीसरी बेटी सबा अली खान हैं ... सैफ अली खान की पहली पत्नी अमृता
थीं और फिर दोनों एक लम्बे वक़्त बाद अलग हुए और सैफ ने करीना से शादी की ...... ११
सितम्बर २०११ में ७० वर्ष की उम्र में टाइगर दुनिया से चले गए ... शर्मीला उन से
दूर हो गयीं लेकिन शर्मीला ने खुद को संभाला और अपने परिवार के लिए वो मज़बूत नीव
की तरह कायम रहीं और आज भी वो उसी तरह कायम हैं ..... वेसे ये तो रही शर्मीला जी
की पर्सनल लाइफ अब वापस आते हैं फ़िल्मी ट्रेक पर .... शादी के बाद भी शर्मिला ने
फिल्म्स में काम करना बंद नहीं किया ..... और वो और बेहतरी के साथ फिल्मों में नज़र
आयीं ..... अरे हाँ शर्मीला जी से जुड़ा एक
और किस्सा मुझे याद आया जो आपसे शेयर करती
हूँ .... शर्मीला जी को हिंदी बोलना बोहोत कम आती थी .. वो बंगाली और
अंग्रेजी ही बोलती थी ... ऐसे में फिल्म के डायलाग और सोंग्स फिल्माते हुऐ बड़ी
मुश्किल होती .... और एक मुश्किल और थी वो ये के शर्मीला जी शशि कपूर की भी
ज़बरदस्त फेन थीं और उनके चक्कर में कई बार बड़ी अजीब सिचुएशन बन जाती ... कश्मीर की
कलि फिल्म के कुछ सीन फिल्माए जा रहे थे ..... शर्मीला जी डायलाग याद किये जातीं
... रटते रटते सीन का टाइम हो गया सेट हुई और एक्शन हुआ और शर्मीला का धयान भंग
......दर असल शशि कपूर जी सेट पर आगये .......और शर्मीला उन्हें देख सब भूल गयीं
वो बेसुध उन्हें तकती जातीं.....हाहाहा और डिरेक्टर शक्ति दा शशि कपूर के पास गए
और बोले भाई तुम जाओ हमारी हिरोइन डायलाग भूल जा रही है..... शशि जी गए तब जा कर
सीन ओके हुआ ....
शर्मीला जी ने शक्ति दा के साथ दूसरी फिल्म की एन इवनिंग इन पेरिस...और इसमें
भी उनके साथी कलाकार थे शम्मी जी...जी हाँ वही फिल्म जिसमे शम्मी जी हेलिकोप्टर
में बैठ कर नहीं बलके लटक कर गाना गाते हैं ... आस्मां से आया फ़रिश्ता.....और गाना
गाते हुए बोट पर कूद जाते हैं ..... और उस सीन को याद करते हुए शर्मीला जी कहती
हैं के शम्मी जी हमेशा वो करते हैं ज किसी को गुमान भी नहीं होता ... लेकिन उनके
साथ काम करते हुई आप बोहोत रिलेक्स नहीं रह सकते ..... वहीँ शशि कपूर के साथ फिल्म
वक़्त में काम करते हुए में कहाँ खो जाती थी मुझे खुद नहीं मालूम ... एक सीन में
उन्हें कार ड्राइव करनी थी जिसमे शशि जी सामने ही होते हैं ..... इस वक़्त भी
शर्मीला जी ने वही किया .. उन्हें कार का ब्रेक लगाना था लेकिन अक्सिरेलेटर पर पैर
लगाया और गाड़ी दौड़ा दी ... वो तो अच्छा है तक ट्रेफिक नहीं थी वरना कोई हादसा हो जाता .. खैर इसके बाद शशि जी ने शर्मीला को समझाया और तब जा
कर वो सहज हुई ... फिल्म्स का सफ़र जारी था अब तक शर्मीला ने हृषिकेश मुखर्जी की
अनुपमा ,सत्यकाम शक्ति सामंत की सावन की घटा , अमर कुमार की मेरे हमदम मेरे दोस्त
,जॉय मुखर्जी की हमसाया ,सूरज प्रकाश की आमने सामने ,यश चोपड़ा की वक़्त और सत्यजीत
रे की नायक कर ली थी .... लेकिन अब उनकी जोड़ी बनी सुपर स्टार राजेश खन्ना के साथ
..... राजेश खन्ना जो आशा जी के साथ सुपरहिट फिल्म्स दे रहे थे ... शक्ति समंटने
शर्मीला को उनके अपोजिट कास्ट किया और इस जोड़ी ने तो धूम मचा दी .... अब तक
शर्मीला एक कूल चार्मिंग और गिर्ली रोल में नज़र आयीं जहाँ उनके लुक्स हेयर स्टाइल
, ड्रेसेस और एक्टिंग को पसंद किया गया लेकिन अब जो फिल्म्स आने वाली थीं वो तो
दीवाना बनाने वाली थीं .... राजेश खन्ना के साथ लगातार ६ बॉक्स ऑफिस हिट फिल्म्स
दि जिनमे आराधना ,अमर प्रेम ,आविष्कार ,सफ़र, दाग़ और छोटी बहु थीं इन फिल्म्स की स्टोरी बोहोत अलग अलग फ्लेवर की
थीं ...... इनमें शर्मीला ने राजेश खन्ना की प्रेमिका ,पत्नी और माँ का भी रोल निभाया.... शर्मीला कहती हैं के
ये आसन नहीं था मुझे उस बूढ़े किरदार में देख कर स्क्रीनिंग के टाइम लोग हंस पड़े और
शक्ति सामंत हॉल से बहार चले गए .. लेकिन फिल्म के एंड पर दर्शकों की आँखें नाम
थीं और यही थी फिल्म की कामयाबी ... शक्ति दा को बुलाया गया .. और लोगों की सिसकियों
ने उनकी खोई मुस्कान लौटा दी .....
पुष्पा आई हेट टीयर्स .....
राजेश खन्ना ने जब ये डायलाग अदा किया तब जाने कितनी ही पुष्पा, सुमन, साधना, आरती
,रेखा और ममता अपने आंसू पलकों में ही रोक कर बेठ गयी हो गयी होंगी .....आफ्टर आल
सुपर स्टार राजेश खन्ना ने जो कहा था ...... शर्मीला जी ने राजेश खन्ना के साथ
तकरीबन ९ से १० फिल्म्स कीं ..... अरे वाह मेरी बातों को कितने सुकून से सुन रहे
हैं आप .... ... शर्मीला जी उस ज़माने की पहली हेरोइन थीं जिसने स्विम सूट पहना ...
और बड़े ही बोल्ड हो कर शूट करवाया ... वहीँ वो उस वक़्त की मोस्ट स्टाइलिश एक्ट्रेस
में शुमार की जातीं फिल्म दिल है बहार के
का उनका हेयर स्टाइल भी बड़ा फेमस हुआ ..... ये ऐसी अदाकारा थीं जो ओन स्क्रीन और
ऑफ स्क्रीन दोनों ही रूपों में बोहोत मॉडर्न रहीं ... अरे हाँ एक बार ये एक पार्टी
में गयीं ये उस वक़्त की बात है जब मुंबई आई ही थीं .... तब वहां सब डांस कर रहे थे
डांस मास्टर रोबर्ट के कहने पर ये भी खड़ी हो गयीं डांस करने और खूब मज़े ले कर डांस
करने लगीं ..... बोहोत जब ज्यादा देर हुई
तो शक्ति दा जो यहाँ उनके साथ थे उठे और कहा पार्टीज में हेरोइंस ऐसे डांस नहीं
करतीं बलके स्टाइल और नखरों के साथ बेठी रहती हैं .....शर्मीला ये कहते हुए बड़ी
हंसती हैं के वाह हेरोइन होना भी कितना मुश्किल है......शर्मीला जी ने शशि कपूर
साहब के साथ ९ फिल्म्स की जिनमे आ गले लग जा , वक़्त , पाप और पुण्य , माँ बेटी ,
माय लव और सुहाना सफ़र पसंद की गयीं ..... वहीँ धर्मेन्द्र के साथ १९६८ में मेरे
हमदम मेरे दोस्त , अनुपमा ,चुपके चुपके ,देवर ,यकीन में काम किया जिसमे चुपके
चुपके तो बड़ी ही प्यारी सी फिल्म थी .. ये कॉमेडी मसाला मूवी थी जिसमे धर्मेन्द्र
और शर्मीला पति पत्नी होते हुए भी इसे छुपाते हैं और धर्मेन्द्र इसमें उनके
ड्राईवर बने हुए हैं ... वहीँ इसमें इनके साथ थे अमिताभ बच्हन और ओम प्रकाश .....
इस मूवी को डायरेक्ट किया था ऋषिकेश मुखर्जी ने ....
राजेन्द्र कुमार के साथ इन्होने सिर्फ एक फिल्म
की १९६९ में तलाश , वहीँ १९७२ में दिलीप कुमार साहब के साथ नज़र आयीं फिल्म दास्तान
में ...... शर्मीला जी की आशा भोंसले जी
से बड़ी बनती थी ... और इनके ज्यादा तर गीतों को उन्होंने अपनी आवाज़ में ही सजाया
है .. वहीँ आपको शायद मालूम ना हो के शर्मीला जी ने मो रफ़ी साहब के साथ खुद भी एक गीत गाया है .....
वाह कितनी सारी बातें तलाश कर लायी... वेसे शर्मीला जी को किताबें पढने, घूमने ,
गेम्स और कुकिंग का बड़ा शौक़ है ..... और वो अक्सर किताबें पढ़तीं है. जेसे उस सोंग
में पढ़ रही थीं ... मेरे सपनो की रानी कब आएगी तू ... याद आया तब भी उनके हाथों
में एक किताब थी ... शर्मीला जी ने हर बड़े
डिरेक्टर प्रोदूसेर के साथ काम किया और उनके गीत तो जेसे बनते ही फेमस होने
के लिए थे और उनकी फिल्म्स भी अरे मेने
उनके अवार्ड्स का तो ज़िक्र ही नहीं किया ... तो अभी बताये देते हैं ..... १९६९ में उन्हें फिल्म आराधना के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का
अवार्ड मिला वहीँ १९७५ में फिल्म मौसम के
लिए भी इन्हें अवार्ड मिला ..... वहीँ २००५ में विरुद्ध के लिए मिला बेस्ट
एक्ट्रेस अवार्ड और लाइफ टाइम अचीवमेंट
अवार्ड से भी इन्हें नवाज़ा गया ... फिल्म
इंडिया के सेंसर बोर्ड की मेम्बर बनीं और इन्हें कान फिल्म्स अवार्ड की जूरी में
भी शामिल होने का मौक़ा मिला .... शर्मीला जी को होलीवूड से बोलीवुड हर जगह शोहरत
हासिल है ... और्फिलहाल वो अपने नए पोते तैमूर के साथ खुशियाँ संजोने में मसरूफ
हैं .... वाह ये हुई बात ..
इशारों इशारों में दिल लेने वाले बता
ये हुनर तूने सीखा कहाँ से .... सच शर्मीला जी की मोहक मुस्कान और बेहद आकर्षक
व्यक्तित्व के साथ आज भी लाखों दिलों की मलिका हैं ..... और अभी भी वो फिल्म्स में
सक्रिय हैं ....और बेहद खूबी के साथ वो काम कर रही हैं .... एक दम ख़्वाबों जेसी
परियों की कहानी जेसी रही उनकी ज़िन्दगी
... अचानक फिल्मों से जुडी और खूब नाम कमाया ... फिर एक राजकुमार मिला जिसके साथ
सारी दुनिया देखि और उसकी दुनिया में खुद
को खोया भी पाया भी .... एक खूबसूरत और पुर सुकून ज़िन्दगी जिसका हर कोई तसवुर भी
नही कर सकता ..... शायद इसे ही किस्मत कहते हैं ..... शर्मीला जी से पुछा गया के
अगर उन पर फिल्म बने तो वो किन एक्टर्स को सजेस्ट करेंगी ... तो वो मुस्कुरा कर
कहती हैं टाइगर के लिए में रणबीर कपूर और मेरे लिए आलिया को सजेस्ट करुँगी ...
चलिए देखते हैं के ये भी मुम्किन होता है के नहीं ....वेसे हमने तो पूरी स्टोरी
पहले ही पढ़ ली ... चलिए आज के इस पारी कथा जेसे शो को यहीं अंजाम तक ले जाते हैं
... उम्मीद है आपको शर्मीला नामा ज़रूर पसंद आया होगा zaiba zeenat फेस बुक पर आकर
कमेन्ट ज़रूर दीजियेगा ... चलिए जी में चलती हूँ अपना सारा बातों का लवाजमा ले कर ... इजाज़त दीजिये ... खुदा हाफ़िज़ .....
Dr Zaiba Zeenat
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