Happy father's day


पापा.....
एक शाम ऑफिस से घर पहोंची हाँ पापा के घर .... जाने क्यूँ इसे कभी भी मम्मा का घर कहा ही नहीं .. पापा अपने रूम में लेते थे ... मेने करीब जा कर उन्हें देखा .. पापा अब उम्र के साथ बहने लगे हैं .... उनके बाल सफ़ेद हो गए , आँखों और चेहरे पर झुरिय्या , वो मज़बूत कंधे अब झुके झुके से हैं और वो मेरी ताक़त अब बोझिल सी कुछ थकी थकी सी हो गयी है .. पापा अब सीढियां चढते हैं तो थक जाते हैं ... अब घूमने जाते हैं तो पहले की तरह हमारे तेज़ क़दम से क़दम नहीं मिला ... पापा अब खाना भी कम खाते हैं ... मीठा कम , मिर्ची कम और रात में तो आधी रोटी बचा देते हैं ... अख्बार, बेंक बुक चश्मा लगा कर देखते हैं... और सामान उठाते हैं तो थक जाते हैं ....

पापा अभी भी सो रहे हैं जेसे कोई मासूम बच्चा .. मेरी आहट पर उठ गए और बोले आ गयी .....
हां पापा आगयी ...
आज देर हो गयी...
हाँ पापा काम था ना
पापा ने मेरी थकन महसूस की और कहा .......मुझे फोन कर देती में आजा तुझे लेने ... पापा आई लव यू ... सच्ची ये पापा ही कह सकते हैं .. दिन भर के थके .... ओह्ह पापा आप बिलकुल नहीं बदले ....
बिलकुल वेसे ही जेसे बचपन में ईद से पहले आपको पूरा बाज़ार घुमाती थी और आप हँसते हँसते अम्मी के ताने सुनते थे ....
बिलकुल वेसे ही जब मुझे बुखार से तकलीफ हो रही थी लेकिन मुझे गुलाब जामुन खाना था ... पापा आप ने ही मुझे १२.३० बजे गुलाब जामुन खिलाये थे ....
जेसे मेरे 10th के एग्जाम वाले दिन पूरा दिन खड़े थे सेंटर के बाहर .....
बिलकुल वेसे ही जब पूरी रात परेशान थे जब मेने एक ज़िन्दगी को अपने वजूद से जना था ... हाँ तब मेरे पापा ने सबसे पहले यही कहा था ... मेरी बेटी ठीक है ?....
जब कोई मुझे रस्ते पर छोड़ गया था और में सहमी खड़ी थी .. तब पापा ने ही तो मेरे कन्धों को थाम कर कहा था ... तू आगे चल .....में हु ना तेरा पापा ....
आप मेरे साथ हो बिलकुल वेसे ही जब मेरे पहले सेमिनार की स्पीच के वक़्त, मेरी डिग्री, और गोल्ड मेडल पर आपकी आँखों से बस आंसू ही ना बहे थे
पापा आप हमेशा मेरी हिम्मत, ताक़त और वो रहबर रहे हो जिसकी शायद मेने उम्मीद भी नहीं की थी ... आप दुनिया के सबसे अच्छे पापा हो ... सबसे अच्छे मेरे पापा ......
बस आप बूढ़े मत होना पापा …….क्यूँ की बेटियां पापा को कभी बूढा नहीं होने देगी ..... 


डॉ जेबा ज़ीनत

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